आर्थिक जगत बातम्या

From Bitcoin to PEPE: Explore India's Crypto Investment Trends for Q1 2025 with CoinSwitch

From Bitcoin to PEPE: Explore India's Crypto Investment Trends for Q1 2025 with CoinSwitch

  बिटकॉइन अब भी निवेशकों की पहली पसंद बना हुआ है, जो कुल निवेशक होल्डिंग्स का 6.9% हिस्सा है, इसके बाद डॉजकॉइन और एथेरियम का स्थान है

 ~रिपल सबसे अधिक ट्रेड किया जाने वाला एसेट बनकर उभरा है, जो कुल ट्रेड्स का 13.3% हिस्सा है — पिछले दिसंबर से 8 पदों की उल्लेखनीय वृद्धि~

 22 अप्रैल 2025, भारत: भारत के सबसे बड़े क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म कॉइनस्विच ने Q1 2025 के लिए भारतीय क्रिप्टो निवेशकों के निवेश और ट्रेडिंग पैटर्न को लेकर नई जानकारियाँ साझा की हैं।

प्लेटफ़ॉर्म पर सूचीबद्ध 310 क्रिप्टो कॉइन्स की गतिविधियों के गहन विश्लेषण के आधार पर, यह डेटा यह स्पष्ट करता है कि भारतीय क्रिप्टो को किस प्रकार अपना रहे हैं — चाहे वह दीर्घकालिक होल्डिंग हो या अल्पकालिक ट्रेडिंग पैटर्न। ये निष्कर्ष भारत में तेज़ी से विकसित हो रही क्रिप्टो रुचि की एक स्पष्ट झलक पेश करते हैं, जो निवेशकों की परिपक्वता और उनकी रुचियों में बढ़ती विविधता को उजागर करते हैं।

सबसे ज़्यादा निवेश किए गए कॉइन्स:

भारतीय निवेशक अब भी अपनी दीर्घकालिक निवेश रणनीतियों के लिए अच्छी तरह से स्थापित डिजिटल परिसंपत्तियों को प्राथमिकता दे रहे हैं। CoinSwitch के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, बिटकॉइन (6.9%), डॉजकॉइन (6.6%) और एथेरियम (5.2%) सबसे अधिक होल्ड की जाने वाली क्रिप्टो संपत्तियों की सूची में शीर्ष पर हैं,
जो इनकी स्थायी मूल्यता को लेकर निवेशकों के मजबूत विश्वास को दर्शाता है।

अन्य लोकप्रिय होल्डिंग्स में शिबा इनु (4.2%) और रिपल (3.5%) शामिल हैं, जो इन व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त कॉइन्स में निवेशकों के लगातार भरोसे को दर्शाती हैं। वहीं, कार्डानो (3.3%), पॉलीगॉन (2.9%), इंटरनेट कंप्यूटर (2.8%), और सोलाना (2.3%) ने दिसंबर 2024 से अब तक अपनी टॉप 10 स्थिति बनाए रखी है, जो दर्शाता है कि इन कॉइन्स में स्थिरता और निरंतर रुचि बनी हुई है।

इस वर्ष निवेशक व्यवहार में एक खास बदलाव देखने को मिला है — PEPE (1.9%) का टॉप 10 में प्रवेश, जिसने लूपरिंग को स्थानापन्न कर दिया है। यह परिवर्तन भारत के विकसित होते क्रिप्टो परिदृश्य में नई और उभरती हुई डिजिटल संपत्तियों के प्रति बढ़ती रुचि का संकेत है।

 सबसे ज़्यादा ट्रेड किए गए कॉइन्स:

जब बात ट्रेडिंग की होती है, तो डेटा में निवेशकों के व्यवहार में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलता है।

रिपल (XRP) सबसे सक्रिय रूप से ट्रेड किया जाने वाला एसेट बनकर सूची में शीर्ष पर पहुंच गया है, जो कुल ट्रेडिंग गतिविधि का 13.3% हिस्सा है। इसने शिबा इनु की जगह ले ली है, और यह संकेत देता है कि ट्रेडर्स की इस टोकन में रुचि एक बार फिर से तेजी से बढ़ रही है।

बिटकॉइन (8.4%) और डॉगकॉइन (6.4%) इसके ठीक पीछे हैं, जो भारत के व्यापारिक परिदृश्य में स्थापित क्रिप्टो के निरंतर प्रभुत्व को रेखांकित करता है। अन्य उच्च-गतिविधि परिसंपत्तियों में सोलाना (5.6%), एथेरियम (4.4%), पीईपीई (3.1%), शिबा इनु (2.6%), और कार्डानो (2.5%) शामिल हैं, जो ब्लू-चिप परिसंपत्तियों और सट्टा खेलों के मिश्रण को दर्शाते हैं।

एक दिलचस्प प्रवृत्ति यह है कि POPCAT (1.6%) ने टॉप 10 सबसे अधिक ट्रेड किए गए एसेट्स में एंट्री ली है, जबकि BONK (1.1%) की रैंकिंग गिर गई है — वह छठवें स्थान से फिसलकर सूची में सबसे नीचे आ गया है। यह बदलाव भारतीय क्रिप्टो ट्रेडर्स की तेज़ी से बदलती प्राथमिकताओं और गतिशील निवेश दृष्टिकोण को दर्शाता है।

डेटा पर बात करते हुए कॉइनस्विच के वाइस प्रेसिडेंट, बालाजी श्रीहरि ने कहा: “2024 क्रिप्टो के लिए वैश्विक स्तर पर एक ऐतिहासिक वर्ष रहा, और 2025 के पहले कुछ ही महीनों में जो गतिविधि हमने देखी है, वह उतनी ही रोमांचक है। निवेशक जिस तरह से बाज़ार के साथ जुड़ रहे हैं, उसमें एक स्पष्ट बदलाव दिख रहा है। बिटकॉइन अभी भी दीर्घकालिक निवेश का पसंदीदा विकल्प बना हुआ है, वहीं रिपल और सोलाना जैसे कॉइन्स की ट्रेडिंग गतिविधियों में ज़बरदस्त बढ़त देखी जा रही हैजो संभवतः हाल ही के वैश्विक घटनाक्रमों से प्रेरित है। साथ ही, PEPE और BONK जैसे मीम कॉइन्स को भी लोकप्रियता मिल रही है, खासकर युवा निवेशकों के बीच, जो हाईरिस्क, हाईरिवॉर्ड अवसरों को अपनाने के लिए तैयार हैं। यह इस बात का संकेत है कि भारतीय क्रिप्टो कम्युनिटी कितनी तेज़ी से विकसित हो रही है और कितनी विविधतापूर्ण होती जा रही है।

ऊपर दिए गए आंकड़े वैश्विक क्रिप्टो अर्थव्यवस्था में भारत की बढ़ती भागीदारी को रेखांकित करते हैं। जैसे-जैसे बाजार संभलता एवं बढता जाएगा और नियम विकसित होते जाएंगे, भारत का क्रिप्टो परिदृश्य बदलता रहेगा, और आने वाले महीनों में नए ट्रेंडस उभरने की संभावना है जो इस क्षेत्र को और अधिक विविध और गतिशील बनाएंगी।

 

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