आर्थिक जगत बातम्या

आईआईटी बॉम्बे और इंडस टावर्स लिमिटेड द्वारा सतत ऊर्जा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अग्रणी भूमिका हेतु साझेदारी

IIT Bombay and Indus Towers Ltd. Join Forces to Pioneer Sustainable Energy Technologies

मुंबई,: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे (IIT-B) और विश्व की सबसे बड़ी टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों में से एक इंडस टावर्स लिमिटेड ने सतत ऊर्जा क्षेत्र में दो परिवर्तनकारी शोध कार्यक्रमों के लिए आज एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। शोध का मुख्य उद्येश्य सौर ऊर्जा उत्पादन और ऊर्जा भंडारण की प्रगति का विस्तार करना होगा, ताकि भविष्य के लिए और व्यवहारिक समाधान निर्मित किये जा सके। यह कार्यक्रम इंडस टावर्स के मुख्य सामाजिक उत्तरदायित्व कार्यक्रम, प्रगति  का एक भाग है।

वर्तमान समय में जब जलवायु संबंधी जरूरतें और ऊर्जा की मांग पूरे विश्व की जरूरतों को परिवर्तित कर रही हैं और पूरा विश्व  ऊर्जा की स्वच्छ, नई और हरित पद्धति को तेजी से अपना रही है, नवाचार सिर्फ एक विकल्प ही नहीं बल्कि अब यह एक आवश्यकता है। बेहतर कल के लिए समाधान तैयार करने के महत्व को दर्शाते हुए, इंडस टावर्स के एमडी और सीईओ प्रचुर साह ने कहा, यह साझेदारी उद्योग और शिक्षाविदों के साथ में मिलकर काम करने का एक बेहतरीन उदाहरण है, जो अनुसंधान और नवाचार के द्वारा समस्त विश्व में आने वाली चुनौतियों का समाधान करते हैं। पेरोवस्काइट सोलर सेल टेक्नोलॉजी पर शोध और ऊर्जा भंडारण के लिए कृषि अपशिष्ट का उपयोग करना एक बेहतरीन अवधारणा है और यह सतत ऊर्जा समाधानों को आगे ले जाने में आवश्यक सिद्ध हो सकती है। हमें विश्वास है कि इस शोध में स्वच्छ ऊर्जा की तरफ बढ़ने में हमारे दृष्टिकोण में आमूलचूल परिवर्तन लाने की सम्भावना छिपी हुई है।

पेरोवस्काइट सोलर सेल तकनीक विकसित करने के अग्रणी प्रयास का उद्देश्य पारंपरिक सिलिकॉन फोटोवोल्टिक (पीवी) सेल्स  पर निर्भरता को कम करना है। यह परिवर्तनीय तकनीक वर्तमान में उपलब्ध सेल की लागत को बढ़ाए बिना उच्च दक्षता प्राप्त करने के लिए निर्मित की गई है। इसका जमीन पर और अंतरिक्ष की सौर प्रणालियों में व्यापक उपयोग है, जिसे पूरी तरह से स्वदेशी माध्यम से विकसित किया गया है।

इस साझेदारी के तहत दूसरा कार्यक्रम एक अन्य महत्वपूर्ण सतत चुनौतीकृषि अपशिष्ट और ऊर्जा भंडारण की तरफ ध्यान आकर्षित करता है। इस परियोजना का उद्देश्य चावल के भूसे, प्रचुर मात्रा में कृषि अपशिष्ट, को डोप किए गए कठोर कार्बन पदार्थों में परिवर्तित करने के लिए एक समायोजित विधि का विकास करना है। ये सामग्रियाँ सोडियमआयन बैटरियों में एनोड या एडिटिव्स के रूप में काम करेंगी, जो लिथियमआयन तकनीक के लिए एक टिकाऊ और लागत प्रभावी विकल्प प्रदान करती हैं। यह शोध केवल पराली जलाने से होने वाले पर्यावरणीय खतरों को कम करता है, बल्कि स्वदेशी और पर्यावरण के अनुकूल संसाधनों का उपयोग करके देश के स्वच्छ ऊर्जा इकोसिस्टम को भी मजबूत करता है।

इस साझेदारी के व्यापक दृष्टिकोण को निर्देशित करते हुए, आईआईटी बॉम्बे के डीन, एलुमिनी एवं कॉर्पोरेट रिलेशन, प्रो. रवींद्र गुडी ने कहा, “आईआईटी बॉम्बे में, हमारा विश्वास है कि वैज्ञानिक उत्कृष्टता के लिए उद्येश्य का होना आवश्यक है। इस तरह की साझेदारी से हम केवल शोध की सीमाओं को आगे बढ़ाते हैं बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि कैसे शिक्षा और उद्योग वर्तमान समय की कुछ सबसे महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक दूसरे के साथ मिलकर काम कर सकते हैं। हम इंडस टावर्स लिमिटेड के आभारी हैं कि उन्होंने ऐसे नवाचार का समर्थन किया है जिसमें सतत ऊर्जा की दिशा में भारत की यात्रा को गति देने की क्षमता है।

यह साझेदारी अत्यधिक प्रभावशाली, मिशन के अनुरूप अनुसंधान के लिए राष्ट्रीय केंद्र के रूप में आईआईटी बॉम्बे की भूमिका को दर्शाती है। इंडस टावर्स के साथ सार्थक साझेदारी के माध्यम से, संस्थान वैज्ञानिक विचारों को समायोजित, वर्तमान की समस्यायों के समाधानों करना जारी रखता है। यह इस बात पर भी प्रकाश डालता है कि कैसे सीएसआर फंडिंग, जब नवाचार और ज्ञान सृजन का रूप लेती है, तो केवल अधिक टिकाऊ और आत्मनिर्भर भारत की तकनीकी रीढ़ तैयार करने में मदद कर सकती है, बल्कि भारत को ऊर्जा प्रौद्योगिकियों में वैश्विक लीडर के रूप भी पहचान दिला सकती है।

आईआईटी बॉम्बे के बारे में

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे, 1958 में देश के दूसरे आईआईटी के रूप में स्थापित किया गया था, जिसे दुनिया भर में इंजीनियरिंग शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रणी माना जाता है। संस्थान को 9 जुलाई, 2018 को शिक्षा मंत्रालय (तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्रालय) द्वाराप्रतिष्ठित संस्थानका दर्जा प्रदान किया गया था। आईआईटी बॉम्बे अपने फैकल्टी की गुणवत्ता और अपने स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों से  शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों की उत्कृष्ट क्षमता के लिए जाना जाता है। संस्थान में 17 शैक्षणिक विभाग, 31 (केंद्र/कार्यक्रम/शैक्षणिक सुविधाएं), तीन स्कूल और तीन बहुविषय कार्यक्रम हैं। पिछले छह दशकों में, 70,000 से अधिक इंजीनियरों और वैज्ञानिकों ने संस्थान से स्नातक किया है। यह 715 से अधिक फैकल्टी सदस्यों द्वारा संचालित है, जोकि केवल देश के सर्वश्रेष्ठ है, बल्कि शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों के लिए विश्व भर में भी जाने जाते हैं। मार्च 2025 में, आईआईटी बॉम्बे ने 2025 के लिए क्वाक्वेरेली साइमंड्स (क्यूएस) विश्व विश्वविद्यालय रैंकिंग में इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में 28वां स्थान प्राप्त किया था।

इंडस टावर्स लिमिटेड के बारे में

इंडस टावर्स लिमिटेड भारत में पैसिव टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर की अग्रणी प्रदाता है, और यह विभिन्न मोबाइल ऑपरेटर्स के लिए टेलीकॉम टावर और कम्युनिकेशन स्ट्रक्चर्स का विस्तार, स्वामित्व और प्रबंधन करती है। कंपनी के 229,658 टेलीकॉम टावरों का पोर्टफोलियो इसे देश के सबसे बड़े टावर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदाताओं में से एक बनाता है, जोकि सभी 22 टेलीकॉम सर्किल्स में अपनी सेवा प्रदान करते हैं। इंडस टावर्स भारत में सभी वायरलेस टेलीकम्युनिकेशन सेवा प्रदाताओं को सेवाएं प्रदान करता है। कंपनी अपने परिचालन के लिए हरित ऊर्जा को अपनाने के लिए उद्योग जगत में अग्रणी रही है। अधिक जानकारी के लिए www.industowers.com पर विजिट करें

 

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