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यूवा के ‘माय बाप्पा वर्कशॉप’ ने देशभर के 80 से अधिक स्कूलों के छात्रों में बाँटी खुशियाँ

यूवा के ‘माय बाप्पा वर्कशॉप’ ने देशभर के 80 से अधिक स्कूलों के छात्रों में बाँटी खुशियाँ

Posted By Mrunali Sakpal 9 September2025

छात्रों ने विशेष रूप से तैयार की गई किट्स की मदद से गणेश चतुर्थी के उत्सव को समर्पित अनोखी कलाकृतियाँ बनाई।

मुंबई,(NHI.IN)  : गणेश चतुर्थी जैसे शुभ अवसर के उपलक्ष्य में, नवनीत एज्युकेशन लिमिटेड के स्टेशनरी ब्रांड यूवा ने देशभर के 80 से अधिक स्कूलों के साथ मिलकर छात्रों का पसंदीदा माय बाप्पा वर्कशॉपआयोजित किया। इस पहल के तहत छात्रों ने यूवा स्टेशनरी द्वारा विशेष रूप से तैयार की गई किट्स की मदद से परंपरा और संस्कृति को रचनात्मकता के साथ जोड़ते हुए गणेश उत्सव की भावना को दर्शाती हुई अनोखी कलाकृतियाँ बनाई।

यूवा का वार्षिक ‘माय बाप्पा वर्कशॉप’रचनात्मकता और ज्ञान से जुड़ी गतिविधियों के ज़रिए गणेश चतुर्थी की भावना को जीवंत बनाए रखने का कार्य करता है। यूवा में गणेश चतुर्थी केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि कल्पनाशक्ति, सीख और एकजुटता का उत्सव है, जिसमें बच्चों की भूमिका सबसे अहम मानी जाती है।

इस वर्ष यह पहल महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक समेत देशभर के 80 से अधिक स्कूलों तक पहुँची और छात्रों में त्योहार की खुशी बाँटी। मुंबई में, यूवा ने अहिल्या विद्यामंदिर – कालाचौकी, महात्मा शिक्षा अकादमी सीबीएसई, नेताजी इंग्लिश स्कूल – उल्लाहसनगर, विद्या विकास मंदिर – नेरल, आंद्रा स्कूल वडाला, डी ए वी पब्लिक स्कूल – पनवेल, सेंट रॉक हाई स्कूल – बोरीवली वेस्ट और इंडियन एजुकेशन सोसाइटी स्कूल – कांदिवली वेस्ट सहित कई स्कूलों का दौरा किया। देशभर में 24,000 से अधिक बच्चों ने उत्साहपूर्वक इस उत्सव में भाग लिया और भगवान गणेश को समर्पित सुंदर कलाकृतियाँ बनाईं।

यूवा स्टेशनरी के चीफ़ स्ट्रैटेजी ऑफिसर अभिजीत सान्याल ने कहा, “यूवा में हमारा मानना है कि त्योहार केवल उत्सव नहीं, बल्कि सीखने, आनंद और एकजुटता के अवसर होते हैं। माय बाप्पाउत्सव के ज़रिए हम बच्चों को रचनात्मकता, अभिव्यक्ति और हमारी सांस्कृतिक मूल्यों से जुड़ने की प्रेरणा और साधन देने का प्रयास करते हैं। बच्चों का उत्साह और उनकी कलात्मक प्रतिभा देखकर यह एहसास और भी गहरा हुआ है कि हम जो कर रहे हैं, वह क्यों महत्त्वपूर्ण है।

 ‘माय बाप्पा वर्कशॉप’ का उद्देश्य है बच्चों के भीतर त्योहारों को मिलकर मनाने, संस्कृति से जुड़ने और खुद को अभिव्यक्त करने की भावना को बढ़ावा देना। यूवा यह सुनिश्चित करता है कि हर उत्सव बच्चों के लिए सीखने और विकास का एक सार्थक अवसर बने।

 

 

 

 

 

 

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