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एसआरसीसी चिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल, मैनेज्ड बाय नारायणा हेल्थ, मुंबई, ने सेरेब्रल पाल्सी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस लॉन्च किया

एसआरसीसी चिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल मुंबई, ने सेरेब्रल पाल्सी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस लॉन्च किया

POSTED BY: MRUNALI, 4 October 2025

यह अनोखा केंद्र सेरेब्रल पाल्सी और न्यूरोमस्कुलर डिसऑर्डर्स से जूझ रहे बच्‍चों और युवाओं को समग्र, सुलभ और बहु-आयामी देखभाल उपलब्ध कराएगा

मुंबई,(NHI.IN): एसआरसीसी चिल्ड्रन हॉस्पिटल, मैनेज्ड बाय नारायणा हेल्थ, मुंबई ने डॉ. पी. के. मुल्लाफिरोज मेमोरियल सेंटर फ़ॉर सेरेब्रल पाल्सी का शुभारंभ किया है। यह केंद्र मुंबई की पहली महिला ऑर्थोपेडिक सर्जन, स्वर्गीय डॉ. पेरिन कवसजी मुल्लाफिरोज की स्मृति में स्थापित किया गया है, जिन्होंने अपना पूरा जीवन सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित बच्चों की सेवा को समर्पित कर दिया। यह देश का पहला ऐसा विशेष केंद्र है जो सेरेब्रल पाल्सी और अन्य न्यूरोमस्कुलर विकारों से प्रभावित बच्चों और युवाओं को एक ही छत के नीचे समग्र, संवेदनशील और बहुआयामी देखभाल प्रदान करेगा।

यह नया केंद्र एसआरसीसी चिल्ड्रन हॉस्पिटल, मैनेज्ड बाय नारायणा हेल्थ, मुंबई के परिसर में स्थित है और लंबे समय तक चलने वाले इलाज तथा पुनर्वास की कमी को दूर करने का प्रयास है। यहाँ बच्चों की ज़रूरतों के अनुरूप चिकित्सा, सामाजिक और पुनर्वास सेवाएँ एकीकृत रूप में उपलब्ध कराई जाएँगी। इसके साथ ही यह सुविधा हर वर्ग के परिवारों के लिए सुलभ और किफ़ायती होगी, ताकि किसी भी परिवार को आर्थिक कारणों से इलाज से वंचित न रहना पड़े।

डॉ. पेरिन कवसजी मुल्लाफिरोज भारत की अग्रणी महिला ऑर्थोपेडिक सर्जनों में से एक थीं और उन्हें मुंबई की पहली महिला ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञ के रूप में जाना जाता है। उन्होंने अपना पूरा जीवन दिव्यांग बच्चों — विशेषकर सेरेब्रल पाल्सी और इससे जुड़ी विकलांगताओं से पीड़ित बच्चों — की सेवा के लिए समर्पित किया। वह चिल्ड्रन ऑर्थोपेडिक हॉस्पिटल की ऑर्थोपेडिक सर्जन और मेडिकल डायरेक्टर थीं, जहाँ आज एसआरसीसी चिल्ड्रन हॉस्पिटल, मैनेज्ड बाय नारायणा हेल्थ, मुंबई, स्थित है।

उनकी निष्ठा और चिकित्सा विशेषज्ञता के कारण यह अस्पताल राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध हुआ। सेरेब्रल पाल्सी के उपचार में नई तकनीकों की शुरुआत करने का श्रेय भी उन्हें जाता है। वर्ष 1963 में उन्होंने सेरेब्रल पाल्सी यूनिट की स्थापना एक विशेष परियोजना के रूप में की थी, जिसमें विभिन्न चिकित्सा क्षेत्रों के विशेषज्ञों को साथ लाया गया।

नए शुरू किए गए डॉ. पी. के. मुल्लाफिरोज मेमोरियल सेंटर में ऑर्थोपेडिक्स, न्यूरोलॉजी, फिजियोथेरेपी, ऑक्यूपेशनल थेरेपी, स्पीच थेरेपी, डेवलपमेंटल पीडियाट्रिक्स, साइकोलॉजी और सोशल वर्क जैसे विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ एक साथ मिलकर कार्य करेंगे। इस समन्वित और समर्पित टीम का उद्देश्य बच्चों को केवल चिकित्सा उपचार देना ही नहीं, बल्कि पुनर्वास, शिक्षा से जुड़ा सहयोग, परिवार की काउंसलिंग और जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए दीर्घकालिक देखभाल भी उपलब्ध कराना है। इस तरह यह केंद्र बच्चों और उनके परिवारों को समग्र सहयोग और उम्मीद दोनों प्रदान करेगा।

एसआरसीसी चिल्ड्रन हॉस्पिटल, मैनेज्ड बाय नारायणा हेल्थ, मुंबई, में पीडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक्स के सीनियर कंसल्टेंट एवं हेड, डॉ. तरल नागड़ा ने कहा, “यह विशेष केंद्र अस्पताल परिसर में स्थापित किया गया है, जिसका उद्देश्य सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित बच्चों के दीर्घकालिक और बहुआयामी उपचार में मौजूद कमी को दूर करना है। यहाँ मेडिकल, सामाजिक और पुनर्वास सेवाओं को एकीकृत कर प्रत्येक बच्चे की ज़रूरत के अनुसार सहायता दी जाएगी। इसके साथ ही एसआरसीसी सेंटर फॉर चाइल्ड डेवलपमेंट के सहयोग से बच्चों के संपूर्ण विकास पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।”

एसआरसीसी चिल्ड्रन हॉस्पिटल, मैनेज्ड बाय नारायणा हेल्थ, मुंबई, में पीडियाट्रिक न्यूरोलॉजी की सीनियर कंसल्टेंट एवं हेड, डॉ. अनाइता हेडगे ने कहा, “सेरेब्रल पाल्सी केवल एक चिकित्सकीय स्थिति नहीं है, बल्कि यह एक लंबा और निरंतर सफर है, जिसमें दयालु और समग्र देखभाल, बहु-विशेषज्ञ सहयोग और समय पर हस्तक्षेप बेहद ज़रूरी है। इस केंद्र के माध्यम से हमारा उद्देश्य बच्चों और उनके परिवारों को सही उपकरण, थेरेपी और सपोर्ट सिस्टम प्रदान करना है, ताकि वे एक संतुलित, आत्मनिर्भर और खुशहाल जीवन जी सकें।”

यह नया केंद्र डॉ. पी. के. मुल्लाफिरोज की अमूल्य विरासत को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित है। अपनी मेहनत, करुणा और दूरदर्शिता से उन्होंने भारत में बाल ऑर्थोपेडिक्स और पुनर्वास के क्षेत्र में एक नई दिशा दी। आधुनिक चिकित्सा सेवाओं, परिवार शिक्षण और सामाजिक सहयोग को एक साथ जोड़ते हुए यह केंद्र सेरेब्रल पाल्सी और अन्य न्यूरोमस्कुलर विकारों से जूझ रहे बच्चों और युवाओं के लिए उम्मीद की नई किरण बनकर उभर रहा है।

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