महाराष्ट्र

गोराई और दहिसर मैंग्रोव पार्क – ‘उत्तर मुंबई से उत्तम मुंबई’ की दिशा में दो हरित मील के पत्थर

गोराई और दहिसर मैंग्रोव पार्क

POSTED BY: ANAGHA , 07 NOVEMBER 2025 (9004379946)

भारत का पहला मैंग्रोव-थीम आधारित शहरी जैव विविधता उद्यान ‘गोराई मैंग्रोव पार्क’ शीघ्र ही जनता के लिए खुलेगा – लगभग ₹30 करोड़ की परियोजना

दहिसर मैंग्रोव पार्क – लगभग ₹80 करोड़ की परियोजना के तेज़ी से क्रियान्वयन के लिए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के हस्तक्षेप से मिली गति – मुंबई के इको-टूरिज़्म क्षेत्र का अगला बड़ा कदम

मुंबई : (NHI.IN) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सहयोग से उत्तर मुंबई के सांसद एवं केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की पहल पर विकसित हो रहे गोराई मैंग्रोव पार्क और दहिसर मैंग्रोव पार्क उत्तर मुंबई की हरित पहचान को नया आयाम देने जा रहे हैं। लगभग ₹110 करोड़ की कुल लागत से तैयार हो रही ये दोनों परियोजनाएं न केवल पर्यावरणीय जागरूकता का नया अध्याय लिखेंगी, बल्कि उत्तर मुंबई में रोजगार, पर्यटन, शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण का संतुलन भी स्थापित करेंगी।

पीयूष गोयल के उत्तर मुंबई से सांसद चुने जाने (मई 2024) के बाद इन दोनों परियोजनाओं को गति मिली है। उन्होंने लगातार इन कार्यों की समीक्षा की है और मुंबई के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों (महाराष्ट्र सरकार के मैंग्रोव सेल सहित) के साथ समन्वय बैठकों के माध्यम से प्रगति पर निगरानी रखी है। नवंबर 2025 के पहले सप्ताह में उन्होंने इस परियोजना की विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित की।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा – “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पर्यावरण-सम्मत विकास के दृष्टिकोण और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के गतिशील नेतृत्व में उत्तर मुंबई एक ऐसे आदर्श मॉडल के रूप में उभर रहा है जहाँ पर्यटन, शिक्षा, पर्यावरण और विकास का संतुलन बना हुआ है। इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों प्रकार के रोजगार के अवसर बड़ी मात्रा में उत्पन्न हो रहे हैं।

भारत का पहला ‘मैंग्रोव-थीम आधारित शहरी जैव विविधता उद्यान’ – गोराई मैंग्रोव पार्क और इसके बाद का बड़ा प्रोजेक्ट – दहिसर मैंग्रोव पार्क, दोनों ही परियोजनाएँ सतत पर्यटन को प्रोत्साहन देती हैं और चक्रवात, समुद्री क्षरण जैसी प्राकृतिक आपदाओं से शहर की प्राकृतिक रक्षा को मजबूत करती हैं।”

गोराई मैंग्रोव पार्क : भारत का पहला शहरी मैंग्रोव इकोलॉजिकल पार्क

गोराई मैंग्रोव पार्क महाराष्ट्र सरकार के मैंग्रोव सेल द्वारा विकसित किया जा रहा भारत का पहला मैंग्रोव-थीम आधारित शहरी जैव विविधता उद्यान है, जो गोराई के शांत समुद्री तटीय क्षेत्र में स्थित है।

परियोजना की विशेषताएँ :

* परियोजना प्रकार: संरक्षण-आधारित शहरी इको-टूरिज़्म पार्क

* परियोजना लागत: लगभग ₹30 करोड़

* स्थिति: परियोजना अंतिम चरण में है और शीघ्र ही नागरिकों के लिए खुलने जा रही है।

मुख्य विशेषताएँ:

* 800 मीटर लंबा पर्यावरण-संवेदनशील ऊँचा लकड़ी का मार्ग (Wooden Mangrove Trail) – मैंग्रोव जंगलों के बीच से प्रकृति का नज़दीकी अनुभव।

* G+2 मंज़िला मैंग्रोव इंटरप्रिटेशन सेंटर – डिजिटल प्रदर्शनी, मॉडल्स और इंटरएक्टिव डिस्प्ले के माध्यम से जैव विविधता, तटीय स्थिरता और कार्बन संचयन की जानकारी।

* रूट और कैनोपी स्तर के ऑब्ज़र्वेशन डेक, सूचना पटल और पर्यावरण-अनुकूल पर्यटक सुविधाएँ।

* हरित लैंडस्केपिंग और प्राकृतिक सौंदर्य को बनाए रखने वाली संरचना।

* एक भी मैंग्रोव पेड़ की कटाई नहीं की जाएगी।

* स्थानीय लोगों को मैंग्रोव रखरखाव और पर्यटन प्रबंधन का प्रशिक्षण देकर रोजगार के अवसर।

* मुंबईकरों और पर्यटकों को जीवंत मैंग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र का शैक्षणिक और अनुभवात्मक आनंद लेने का अनूठा अवसर।

दहिसर मैंग्रोव पार्क : इको-टूरिज़्म का अगला आयाम

गोराई परियोजना की सफलता पर आधारित, दहिसर मैंग्रोव पार्क मुंबई के इको-टूरिज़्म परिदृश्य में अगला बड़ा कदम साबित होगा। यहाँ एक ही स्थान पर मैंग्रोव जंगलों का विशाल विस्तार और महानगर की सघन शहरी बनावट का अनुभव किया जा सकेगा। “आकर्षित करें, सहभागी बनाएं और शिक्षित करें” इस थीम पर आधारित यह लगभग ₹80 करोड़ की परियोजना है।

परियोजना विवरण:

* स्थान: CTS क्र. 3129–3138, आरक्षित वन क्षेत्र, दहिसर

* कुल क्षेत्रफल: लगभग 30 हेक्टेयर

* परियोजना लागत: लगभग ₹80 करोड़

* स्थिति:

* ठेकेदार की नियुक्ति एवं कार्यादेश जारी – 8 अप्रैल 2025

* कार्य तुरंत प्रारंभ

* अवधि: 24 माह (स्वीकृत योजना के अनुसार समय पर प्रगति)

मुख्य विशेषताएँ:

* आधिकारिक रूप से इको-टूरिज़्म परियोजना के रूप में स्वीकृत।

* मैंग्रोव पाथवे – पार्क के सभी घटकों को जोड़ने वाले सूचना मार्ग।

* नेचर इंटरप्रिटेशन सेंटर (NIC) – कार्यशाला हॉल, कॉन्फ्रेंस रूम और स्मृति वस्तु दुकान।

* वॉकओवर मैंग्रोव ट्रेल – मैंग्रोव और खाड़ी पर चलने का अनुभव।

* वर्चुअल एक्वेरियम – अत्याधुनिक इंटरएक्टिव अनुभव केंद्र।

* मैंग्रोव ट्रेल: 400 मीटर लंबा मार्ग – शैक्षणिक एवं मनोरंजन गतिविधियों जैसे ऑब्ज़र्वेटरी और फिशिंग जोन के लिए।

* केकड़ा तालाब (Crab Pond) और सेल्फी पॉइंट्स – अनुभवात्मक शिक्षा और पर्यटन आकर्षण के लिए।

* फ्लोटिंग जेट्टी और कयाक ट्रेल्स – दूसरे चरण में दहिसर और गोराई को जोड़ने वाली सुविधा।

* महत्वपूर्ण: किसी भी मैंग्रोव पेड़ की कटाई नहीं की जाएगी।

पर्यावरणीय लाभ – “ऑक्सीजन बैंक” और “ब्लू कार्बन” इकोसिस्टम

* मैंग्रोव उद्यानों को तटीय शहरों की ऑक्सीजन बैंक कहा जाता है।

* ये पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर दीर्घकाल तक संग्रहीत करते हैं – सामान्य वनों की तुलना में 4 से 5 गुना अधिक कार्बन अवशोषण क्षमता।

* इसलिए इन्हें “ब्लू कार्बन इकोसिस्टम” कहा जाता है।

* मैंग्रोव पेड़ समुद्री हवाओं से धूल, नमक और प्रदूषक तत्वों को फ़िल्टर कर शहरी प्रदूषण को प्राकृतिक रूप से कम करते हैं, जिससे श्वसन स्वास्थ्य में सुधार और तापमान में कमी आती है।

* उनकी घनी छत्रछाया स्थानीय आर्द्रता और तापमान को संतुलित करती है, जिससे स्वच्छ, ठंडा और स्वस्थ वातावरण बनता है।

गोराई और दहिसर मैंग्रोव पार्क प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “पर्यावरण के साथ प्रगति” की विचारधारा का सजीव उदाहरण हैं – जहाँ अर्थव्यवस्था और पर्यावरण साथ-साथ आगे बढ़ते हैं। ये दोनों परियोजनाएँ उत्तर मुंबई को केवल शहरी विकास का प्रतीक नहीं बनातीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर पर्यावरण-सचेत शहरी विकास का आदर्श प्रस्तुत करती हैं।

दोनों पार्क पीयूष गोयल के “उत्तर मुंबई से उत्तम मुंबई” के संकल्प को मज़बूती देते हैं – नागरिकों को प्रकृति से जोड़ते हैं, युवाओं को प्रेरित करते हैं और इको-टूरिज़्म व संरक्षण आधारित रोजगार को प्रोत्साहन देते हैं।

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